At least speaking for hubby and me...
Cloth bags ..check
Going back to organic, natural...check
Walking rather than driving....check
Save electricity check
Prefer home food check
Low salt, low sugar, no oil. Check
Talking of school days. Check
And the last one....is a complete opposite....never buying toys for the kids!!!
पुरानी पेंट रफू करा कर पहनते जाते है,
Branded नई shirt देने पे आँखे दिखाते है,
टूटे चश्मे से ही अख़बार पढने का लुत्फ़ उठाते है,
Topaz के ब्लेड से दाढ़ी बनाते है,
पिताजी आज भी पैसे बचाते है ….
कपड़े का पुराना थैला लिये दूर की मंडी तक जाते है,
बहुत मोल-भाव करके फल-सब्जी लाते है,
आटा नही खरीदते, गेहूँ पिसवाते है,
पिताजी आज भी पैसे बचाते है…
स्टेशन से घर पैदल ही आते है,
रिक्शा लेने से कतराते है,
सेहत का हवाला देते जाते है,
बढती महंगाई पे चिंता जताते है,
पिताजी आज भी पैसे बचाते है .....
पूरी गर्मी पंखे में बिताते है,
सर्दियां आने पर रजाई में दुबक जाते है,
AC/Heater को सेहत का दुश्मन बताते है,
लाइट खुली छूटने पे नाराज हो जाते है,
पिताजी आज भी पैसे बचाते है ....
माँ के हाथ के खाने में रमते जाते है, बाहर खाने में आनाकानी मचाते है,
साफ़-सफाई का हवाला देते जाते है,
मिर्च, मसाले और तेल से घबराते है,
पिताजी आज भी पैसे बचाते है…
गुजरे कल के किस्से सुनाते है,
कैसे ये सब जोड़ा गर्व से बताते है,
पुराने दिनों की याद दिलाते है,
बचत की अहमियत समझाते है,
हमारी हर मांग आज भी,फ़ौरन पूरी करते जाते है,
अब पता लगा ;
पिताजी हमारे लिए ही पैसे बचाते है ...
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